Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -08-Apr-2023 नेताओं में होती नाम की चाह

शीर्षक-नेताओं में होती नाम की चाह
सत्ता पर बैठा बड़बोला नेता,
नाम की चाह में करे झमेला,
जब आते चुनाव लगाते मेला,
जीत मिलने पर करें अकेला।

नाम की चाह में करे दुष्काज,
बैठे सिंहासन पर पहने मोह ताज,
ना रही उनको शर्म लिहाज,
बैठे धवल वस्त्र का करते साज।

भ्रष्टाचारी ये बढ़ाते,
आम जनता को भड़काते,
आपस में झगड़े करवाते,
बिचोला बनकर नाम कमाते।

नाम की चाहा क्या नहीं करवाती,
कोई सुपथ की राह नापता,
कोई कुपथ को अपनाता,
कभी डॉन या गुंडा कहलाता।

करो नाम की चाह का त्याग,
मन में फैलाओ अनुराग,
ना बनना तुम कभी काग,
महत्वकांक्षी का हो राग।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

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6 Comments

madhura

11-Apr-2023 04:11 PM

very nice

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Gunjan Kamal

09-Apr-2023 08:21 PM

👏👌

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Punam verma

09-Apr-2023 08:38 AM

Very nice

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